उसके माँ बाप दिन रात उसकी एक झलक देखने के लिए बस इंतजार किया करते थे ! उसके माँ बाप दिन रात उसकी एक झलक देखने के लिए बस इंतजार किया करते थे !
भला कौन ऐसा इंसान मिलता, कि खुद पर इल्ज़ाम को सुनकर भी अपना काम पहले जैसा जारी रखता। भला कौन ऐसा इंसान मिलता, कि खुद पर इल्ज़ाम को सुनकर भी अपना काम पहले जैसा जारी रख...
रात को हुई बातों की वजह से सुबह पैंट में 500 का नोट जानबुझ कर छोड़ा था पीयूष ने। रात को हुई बातों की वजह से सुबह पैंट में 500 का नोट जानबुझ कर छोड़ा था पीयूष ने।
अपने सपनों को फिर से जिंदा कर और उन्हें पूरा करने की उम्मीद जगा। अपने सपनों को फिर से जिंदा कर और उन्हें पूरा करने की उम्मीद जगा।
वो भी आपके साथ मिलकर इस समय को हँसते हुए बिता सके। वो भी आपके साथ मिलकर इस समय को हँसते हुए बिता सके।
ना कोई गम ज़िन्दगी के हादसों ने उनसे उनके एहसास तक को छीन लिया था। ना कोई गम ज़िन्दगी के हादसों ने उनसे उनके एहसास तक को छीन लिया था।